शुक्रवार, 26 अगस्त 2016

दूसरा उदाहरण इण्डोनेशिया किस प्रकार बर्बाद हुआ वार्ल्ड बैंक और ई.एम.एफ संस्थो

इण्डोनेशिया में स्थिर्ता है और पिछले 35 वर्ष से एक ही राष्ट्रपति बनता चला  आ रहा है, तो क्यों डूबा इण्डोनेशिया ?

ऐसे ही मैं दूसरा उदाहरण आपसे शेयर करना चाहता हूँ इण्डोनेशिया का, इण्डोनेशिया वो देश है जहाँ स्थायी सरकार है। पिछले 40-45 वर्षो से बहुत लोगों को बहुत गलतफहमी है इस देश में कि हमारे यहाँ चूँकि राजनीतिक अस्थिर्ता अधिक है इसलिये इस देश में समस्यायें अधिक हैं। मैं इस गलतफहमी को दूर करना चाहता हूँ। इण्डोनेशिया में पिछले 45 वर्ष से भयंकर स्थिर्ता है और पिछले 35 वर्ष से एक ही राष्ट्रपति बनता चला  आ रहा है 'सुकर्णो '  7 बार वो राष्ट्रपति बन चुका है और 5 वर्ष का एक कार्यकाल होता है और 35 वर्ष से वो राष्ट्रपति है अभी 8 वीं बार फिर चुन लिया गया है अभी हफ्ते भर पहले । तो दक्षिण कोरिया के बारे में तो हम कह सकते हैं कि वहाँ अस्थिर्ता थी सरकार बदलती रही है ये बात सही है। पिछले 7 वर्ष में दक्षिण कोरिया में 4-5 सरकार बदली लेकिन इण्डोनेशिया में तो पिछले 35 वर्ष से एक ही व्यकित राष्ट्रपति बनता रहा है और उसी की सरकार पिछले 35 वर्ष से चल रही है और 8 वीं बार वो फिर राष्ट्रपति बन गया है। तो भयंकर स्थिर्ता थी तो क्यों डूबा इण्डोनेशिया? इण्डोनेशिया की सरकार को भी यही प्रिसिक्रप्शन मिला था IMF की ओर से कि आप एक काम करिये अपनी मुद्रा का अवमूल्यन करना शुरू कर दीजिये आपका निर्यात बहुत बढ़ जायेगा और जब निर्यात बहुत बढ़ जायेगा तो डालर्स बहुत आयेंगे आपके पास, आपके पास विदेशी मुद्रा भण्डार बहुत अच्छे हो जायेंगे वगैरह-वगैरह, और आप Export oriented के मार्ग पर चलना शुरु कर देंगे। 

इण्डोनेशिया की सरकार ने पूरी ईमानदारी से इसे पालन करना शुरु कर दिया, तो इण्डोनेशिया में जब ग्लोबलाईजेशन शुरु हुआ था उस समय उनकी जो मुद्रा थी इण्डोनेशिया की मुद्रा है रुपइया, हमारी मुद्रा है रुपया, तो इण्डोनेशिया की जो मुद्रा है रुपइया वो एक डालर में 40 रुपइया होता था जब ग्लोबलाईजेशन शुरु हुआ था फिर उसके बाद क्या हुआ दना-दन मुद्रा का अवमूल्यन करना शुरु कर दिया, IMF का यह प्रिसिक्रप्शन था कि जितना अधिक आप अवमूल्यन करेंगे उतना निर्यात सस्ता हो जायेगा और माल आपका बिकता चला जायेगा। तो अवमूल्यन करते-करते कहाँ तक ले आये आप कल्पना कर सकते हैं इस समय इण्डोनेशिया में 1 डालर में 17000 रुपइया मिलता है उन्होंने रिकार्ड तोड़ अवमूल्यन किया अपनी मुद्रा का और इस आशा में कि चला इस वर्ष हमारा निर्यात बढ़ेगा इस वर्ष नहीं तो अगले वर्ष बढ़ेगा फिर अगले वर्ष बढ़ेगा फिर अगले वर्ष बढ़ेगा, तो 7 वर्ष से वो सपना देखते आये हैं कि अब देखो निर्यात बढ़ गया अब देखो निर्यात बढ़ गया और इस समय स्थिति ये हैइण्डोनेशिया की का निर्यात पूरी तरह से ठप्प है और अब इण्डोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो साहब ने कह दिया कि हमने अपने जीवन में भयंकर भूल की जो IMF के कहने पर ग्लोबलाईजेशन चालू किया अपने देश में, ये इण्डोनेशिया के राष्ट्रपति का वक्तव्य है। 

इण्डोनेशिया के राष्ट्रपति ने शपथ लेने के बाद क्या भाषण दिया है  ?

राष्ट्रपति ने शपथ लेने के बाद जो भाषण दिया है इण्डोनेशिया के संसद में वो शब्द ये हैं कि हमने भयंकर भूल की हैं जो IMF के कहने पर ग्लोबलाईजेशन अपने देश में चालू किया है। परिणाम क्या निकले हैं इण्डोनेशिया भी पूरी तरह से डूब चुका है और वहाँ की सरकार भी कह रही है कि अब इस देश को वापस खड़ा करने में कम से कम 15 से 20 वर्ष लग जायेंगे। इण्डोनेशिया की समाचारें भारत में करीब-करीब रुकी हुई हैं क्योंकि हमारे देश के समाचार पत्रों अभी इतनी चेतना का स्तर नहीं उठ पाया है कि जिन देशों में ये दुर्घटनायें हो रही हैं उनका कवरेज ठीक से करें कभी एकाध घटनायें आ जाती हैं छिटपुट। 
जैसे अभी परसों मैं देख रहा था एक फोटोग्राफ है इण्डोनेशिया का, पुलिस लाठी चार्ज कर रही है और किसानो का भयंकर प्रदर्शन हो रहा है संसद के बाहर, तो सेना खड़ी है तोप लेकर, वो फोटोग्राफ मैने देखा एक समाचार पत्र में समाचार क्या है समाचार नहीं है समाचार का बस ब्लाक आउट किया गया है और लिख दिया गया है कि आर्थिक लिब्रलाईजेशनई के बाद वहाँ जो गरीबी बढ़ी है, बेरोजगारी हुई है और लोगों में जो निर्धनता उत्पन्न हुई है उसके कारण मारा-मारी हो रही है संसद के सामने प्रदर्शन होते हैं पुलिस का लाठी चार्ज होता है प्रतिदिन आर्मी अपने डण्डे बरसाती है बंदूकें चलती हैं और लोग प्रतिदिन मरते हैं उसका एक नमूना है।

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