ये GDP क्या बला है ?? रोजाना अखबार में लिखा होता है की भारत की जीडीपी 8 .7 % है कभी कहा जाता है के 9 % है ; प्रधानमंत्री कहते है की हम 12 % जीडीपी हासिल कर सकते है पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलम कहते थे की हम 14 % भी कर सकते है, रोजाना आप जीडीपी के बारे में पड़ते है और आपको लगता है की जीडीपी जितनी बड़े उतनी देश की तरक्की होगी । कभी किसी ने जानने की कौशिश की के ये जीडीपी है क्या ? आम आदमी की भाषा में जीडीपी का क्या मतलब है ये हमें आज तक किसी ने नही समझाया । GDP actually the amount of money that exchanges hand. माने जो पैसा आप आदान प्रदान करते है लिखित में वो अगर हम जोड़ ले तो जीडीपी बनती है ।
अगर एक पेड़ खड़ा है तो जीडीपी नही बढती, लेकिन अगर आप उस पेड़ को काट देते है तो जीडीपी बढती है क्योकि पेड़ को काटने के बाद पैसा आदान प्रदान होता है, पर पेड़ अगर खड़ा है तो तो कोई इकनोमिक activity नही होती जीडीपी भी नही बढती । अगर भारत की सारे पेड़ काट दिया जाये तो भारत की जीडीपी 27 % हो जाएगी जो आज करीब 7 % है । आप बताइए आपको 27 % जीडीपी चाहिए या नही !
अगर एक पेड़ खड़ा है तो जीडीपी नही बढती, लेकिन अगर आप उस पेड़ को काट देते है तो जीडीपी बढती है क्योकि पेड़ को काटने के बाद पैसा आदान प्रदान होता है, पर पेड़ अगर खड़ा है तो तो कोई इकनोमिक activity नही होती जीडीपी भी नही बढती । अगर भारत की सारे पेड़ काट दिया जाये तो भारत की जीडीपी 27 % हो जाएगी जो आज करीब 7 % है । आप बताइए आपको 27 % जीडीपी चाहिए या नही !
अगर नदी साफ़ बह रही है तो जीडीपी नही बढती पर अगर आप नदी को गंधा करते है तो जीडीपी तीन बार बढती है। पहले नदी पास उद्योग लगाने से जीडीपी बढ गयी, फिर नदी को साफ़ करने के लिए हज़ार करोड़ का प्रोजेक्ट लेके आये जीडीपी फिर बढ गयी, फिर लोगो ने नदी के दूषित पानी का इस्तेमाल किया बीमार पड़े, डॉक्टर के पास गए डॉक्टर ने फीस ली, फिर जीडीपी बढ गयी ।
अगर आप कोई कार खरीदते है, आपने पैसा दिया, किसी ने पैसा लिया तो जीडीपी बढ गयी, आपने कार को चलाने के लिए पेट्रोल ख़रीदा जीडीपी फिर बढ गयी, कार के दूषित धुयाँ से आप बीमार हुए, आप डॉक्टर के पास गए, आपने फीस दी उसने फीस ली और फिर जीडीपी बढ गयी। जितनी कारे आयेगी देश में उतनी जीडीपी तीन बार बढ जाएगी और इस देश में रोजाना 4000 से ज्यादा कारे खरीदी जाती है, 25000 से जादा मोटर साइकल खरीदी जाती है और सरकार भी इसकी तरफ जोर देती है क्योकि यही एक तरीका है के देश की जीडीपी बड़े ।
हर बड़े अख़बार में कोका कोला और पेप्सी कोला का advertisement आता है और ये भी सब जानते है के ये कितने खतरनाक और जहरीला है सेहत के लिए पर फिर भी सब सरकारे चुप है और आँखे बंध करके रखा है क्योंकि जब भी आप कोका कोला पीते है देश की जीडीपी दो बार बढती है । पहले आप कोका कोला ख़रीदा पैसे दिया जीडीपी बढ गया, फिर पीने के बाद बीमार पड़े डॉक्टर के पास गए, डॉक्टर को फीस दी जीडीपी बढ गयी ।
हर बड़े अख़बार में कोका कोला और पेप्सी कोला का advertisement आता है और ये भी सब जानते है के ये कितने खतरनाक और जहरीला है सेहत के लिए पर फिर भी सब सरकारे चुप है और आँखे बंध करके रखा है क्योंकि जब भी आप कोका कोला पीते है देश की जीडीपी दो बार बढती है । पहले आप कोका कोला ख़रीदा पैसे दिया जीडीपी बढ गया, फिर पीने के बाद बीमार पड़े डॉक्टर के पास गए, डॉक्टर को फीस दी जीडीपी बढ गयी ।
आज अमेरिका में चार लाख लोग हर साल मरते है क्योंकि वो खाना खाते है, क्योंकि जो जंक फ़ूड है कार्बोनेटेड ड्रिंक्स है वो खाने से मोटापा और बीमारी होती है, आज 62 % अमेरिका के लोग क्लीनिकली मोटापा के सिकार है और हमारे देश में 62 %लोग तो कुपोषन के सिकार है । ये भी जीडीपी बदने का एक तरीका है, जितना जादा प्रदुषण खाने में होगा उतना जादा जीडीपी बढता है । पहले फ़ूड इंडस्ट्री की बृद्धि हुई जीडीपी बड़ी, उसके साथ फार्मासिउटीकाल्स की बृद्धि हुई फिर जीडीपी बढ गयी, फिर इसके साथ इन्सिउरेंस की भी बृद्धि हुई । ये तीन इंडस्ट्री आपस में जुडी हुई है इसीलिए आज इन्सिउरेंस इंडस्ट्री फ़ूड में पैसा लगा रहा है क्योंकि आप जितना जादा ख़राब फ़ूड खायेंगे इन तीन इंडस्ट्री का बृद्धि होगी और जीडीपी बढेगी । अब क्या आपको जीडीपी बढानी है या घर में खाना बनाना है ! अब घर में खाना बनाने से जीडीपी नही बढती । इस मायाजाल को समझे ।
अमेरिका में आज करीब चार करोड़ लोग भूखे पेट सोते है यूरोप में भी चार करोड़ लोग भूखे सो रहे है, भारत में सरकारी आंकड़ा के अनुसार करीब 32 करोड़ लोग भूखे सोते है, अगर जीडीपी ही एक विकास का सूचक होती तो अमेरिका में भूख ख़तम हो जानी चाहिए थी पर अमेरिका और यूरोप में भूख बढ रही है भारत में भी जीडीपी के साथ भूख बढ रही है ।
अमेरिका में आज करीब चार करोड़ लोग भूखे पेट सोते है यूरोप में भी चार करोड़ लोग भूखे सो रहे है, भारत में सरकारी आंकड़ा के अनुसार करीब 32 करोड़ लोग भूखे सोते है, अगर जीडीपी ही एक विकास का सूचक होती तो अमेरिका में भूख ख़तम हो जानी चाहिए थी पर अमेरिका और यूरोप में भूख बढ रही है भारत में भी जीडीपी के साथ भूख बढ रही है ।
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